इस कविता को कवि ने ‘मैं’ से आरंभ किया है- ‘मैं घमंडों में भरा ऐंठा हुआ।’ कवि का यह ‘मैं’ कविता पढ़नेवाले व्यक्ति से भी जोड़ सकता है और तब अनुभव यह होगा कि कविता पढ़नेवाला व्यक्ति अपनी बात बता रहा है। यदि कविता में ‘मैं’ की जगह ‘वह’ या कोई नाम लिख दिया जाए, तब कविता के वाक्यों में बदलाव आ जाएगा। कविता में ‘मैं’ के स्थान पर ‘वह’ या कोई नाम लिखकर वाक्यों के बदलाव को देखिए और कक्षा में पढ़कर सुनाइए।

‘मैं’ के स्थान पर ‘राम’ रखने पर वाक्यों में बदलाव-

(1) राम घमंडों से भरा ऐंठा हुआ।


(2) राम झिझक उठा, हुआ बेचैन-सा,


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